सांस के धागे पिरोये है। भक्तिभीनी भावना के गीत।। सांस के धागे पिरोये है। भक्तिभीनी भावना के गीत।।
एक प्राचीन प्रथा, एक स्त्री की व्यथा बहुत पहले हमारे राजस्थान की कथा। एक प्राचीन प्रथा, एक स्त्री की व्यथा बहुत पहले हमारे राजस्थान की कथा।
जल छू के लो प्रण, बुन डालो मधुर तरंगिनि। जल छू के लो प्रण, बुन डालो मधुर तरंगिनि।
आज फरिश्ते भी हमारी किस्मत पर नाराज़ हैं,भाग्य बदलने की ताकत जो टूट गयी उनकी। आज फरिश्ते भी हमारी किस्मत पर नाराज़ हैं,भाग्य बदलने की ताकत जो टूट गयी उनकी।
हर शस्त्र मेरा तीव्र ,तीक्ष्ण जिसका प्रमाण ये संसार! हर शस्त्र मेरा तीव्र ,तीक्ष्ण जिसका प्रमाण ये संसार!
ये हँसी ये मुस्कुराहट ज़रा तुम मुझे सिखा दो... ये हँसी ये मुस्कुराहट ज़रा तुम मुझे सिखा दो...